Saturday, August 4, 2012

बॉलीबुड के भाई-बहन


बॉलीबुड के भाई-बहन

बॉलीवुड के कपूर और खान परिवार ही ऐसे परिवार हैं, जिनमें भाइयों ने बहनों के करियर को प्रमोट नहीं किया तो उनका विरोध भी नहीं किया।

सैफ अली-सोहा अली
सैफ अली खान की बहन सोहा अली खान ने 2004 में दिल मांगे मोर से हिन्दी फिल्मों में प्रवेश किया। सोहा अली खान को फिल्में दिलाने में उनकी मां शर्मिला टैगोर का प्रयास जरूर रहा।
लेकिन, सैफ ने अगर सोहा को फिल्में नहीं दिलायीं तो उनका विरोध भी नहीं किया। करिश्मा कपूर और करीना कपूर रणबीर कपूर की चचेरी बहनें हैं। रणबीर कपूर की सगी बहन रिद्धिमा शादीशुदा हैं। कपूर परिवार हमेशा से अपने घर की लड़कियों के फिल्मों में काम करने का विरोधी रहा है। शशि कपूर की पत्‍नी जेनिफर के कारण कपूर परिवार की लड़कियों ने फिल्मों में काम करना शुरू किया।

रणबीर कपूर ने कभी करीना और करिश्मा का देओल बंधुओं की तरह मुखर विरोध नहीं किया पर समर्थन भी नहीं किया। वहीं बॉलीवुड की बहनों का अपने भाइयों से गजब का लगाव है।

सास-बहू सीरियलों से नाम कमाने वाली एकता कपूर महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। उनके सीरियलों और फिल्मों को लगातार सफलता मिल रही है, इसके बावजूद उनका पूरा ध्यान अपने भाई तुषार का करियर बनाने की ओर लगा हुआ है।

तुषार ने अपने करियर की शुरुआत करीना कपूर के साथ फिल्म मुङो कुछ कहना है से की थी। करीना का करियर टॉप पर है, पर तुषार आज भी स्ट्रगलर हैं। उन्हें स्ट्रगल से उबारने की जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं- एकता। एकता कपूर ने तुषार के लिए कुछ तो है, क्या कूल हैं हम, शूटआउट एट लोखंडवाला, सी- कंपनी, शोर-इन द सिटी, द डर्र्टी पिक्चर और क्या सुपर कूल हैं हम जैसी फिल्में बनायीं। फराह खान मशहूर कोरियोग्राफर और निर्देशक हैं। उन्होंने मैं हूं ना और ओम शांति ओम जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया है।

1992 से वह आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान जैसे दिग्गजों की फिल्मों की कोरियोग्राफी कर रही है। ऐसा नहीं कि फरहा ने अपने भाई साजिद खान के लिए फिल्मों का निर्माण किया। लेकिन, कहीं ना कहीं फराह का भाई होने का फायदा साजिद को हमेशा मिलता रहा। ऐश्वर्या राय ने अपने भाई आदित्य राय को निर्माता बनाने के लिए दिल का रिश्ता बनायी। पर उसकी असफलता से ऐश्वर्या को जबर्दस्त आर्थिक नुकसान हुआ। अमीषा पटेल ने अपने करियर की शुरुआत ऋतिक रोशन के साथ फिल्म कहो ना प्यार है से की थी। अमीषा ने अपने भाई अष्मित पटेल को एक्टर बनाने के लिए अपने उस समय के अपने प्यार विक्रम भट्ट का भरपूर उपयोग किया। विक्रम भट्ट ने अपनी फिल्म इंतेहा में अष्मित को हीरो बनाया, मगर यह फिल्म असफल रही। अष्मित पटेल को भट्ट कैम्प में इंट्री का फायदा मिला भी। वह र्मडर और नजर जैसी बड़ी फिल्मों के हीरो बने। पर, उनका करियर नहीं बन सका। मनीषा कोइराला ने भी अपने भाई सिद्धार्थ को एक्टर बनाने के लिए फन-कैन बी डेंजरस समटाइम्स और अनवर जैसी फिल्में दिलवायीं और फिल्म निर्माता बना कर पैसा वसूल जैसी फिल्म बनायी। पर सिद्धार्थ खुद को एक्टर साबित कर सके, ना ही सफल निर्माता ।

गायिका लता मंगेशकर ने भी अपने रुतबे के सहारे अपने भाई हृदयनाथ मंगेशकर को संगीतकार बनाने की भरपूर कोशिश की। हृदयनाथ मंगेशकर को मशाल, धनवान और लेकिन जैसी फिल्में मिली भी। हृदयनाथ ने इन फिल्मों के लिए जो संगीत तैयार किया, वह अच्छा जरूर था। लेकिन पॉपुलर नहीं था कि दूसरी फिल्में मिलती। रानी मुखर्जी के भाई राजा टीवी सीरियल बनाते हैं।

जब राजा ने बतौर निर्देशक अपना पहला टीवी सीरियल किसी की नजर ना लगे लांच किया तो रानी मुखर्र्जी ने यह सुनिश्चित किया कि वह मौजूद रहें। हालांकि, उस समय उनकी तबियत ठीक नही थी। रानी मुखर्र्जी और काजोल के कजिन अयान मुखर्र्जी निर्माता करण जौहर की फिल्म वेकअप सिड से सफल डायरेक्टोरियल डेब्यू कर चुके हैं। केवल फरहान अख्तर और सलमान खान ही ऐसे भाई हैं, जिन्होंने अपनी बहनों का करियर बनाने में सक्रिय सहयोग दिया। फरहान अख्तर जोया अख्तर का करियर बनाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। लक बाई चांस की जबर्दस्त असफलता के बावजूद जोया अख्तर को जो दूसरी फिल्म डायरेक्ट करने को मिली, वह निर्माता फरहान अख्तर की फिल्म जिन्दगी ना मिलेगी दोबारा थी।

उन्होंने इस फिल्म के लिए ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ को जुटाया। फिल्म की कहानी अपनी सफल फिल्म दिल चाहता है की लाइन पर रखवायी। जोया इस समय भी आमिर खान, करीना कपूर और रानी मुखर्र्जी अभिनीत रीमा कागती की फिल्म धुआं को लिख रही है। इस फिल्म के निर्माता भी फरहान अख्तर हैं। एक अन्य उदाहरण सलमान खान हैं। उन्होंने अपनी बहन अलविरा का तो नहीं, मगर बहन की खातिर अपने जीजा अतुल अग्निहोत्री का करियर बनाने के लिए पहले दोनों को निर्माता बना कर हैलो फिल्म बनायी। इस फिल्म की असफलता के बावजूद दुबारा बॉडीगार्ड जैसी फिल्म बना कर उन्हें सफल निर्माता बना ही दिया।

संजय दत्त, अभिषेक बच्चन, रणबीर कपूर, ऋतिक रोशन आदि कुछ ऐसे भाई हैं, जिनकी बहनों ने फिल्मों के बजाय राजनीति या शादी को अपना करियर चुना। नहीं तो शायद इन भाइयों को भी अपनी बहन के बगल में या विरोध में खड़ा होने पड़ता। भाइयों का करियर बनाने वाली बॉलीवुड की बहनों में अपवाद रवीना टंडन हैं, जिन्होंने अपने भाई राजीव टंडन और भाभी राखी को घर से निकलवा दिया।

सास बहू सीरियलों से नाम कमाने वाली एकता कपूर के सीरियलों और फिल्मों को लगातार सफलता मिल रही है, इसके बावजूद उनका पूरा ध्यान अपने भाई तुषार का करियर बनाने की ओर लगा हुआ है।

साजिद खान को एक निर्देशक के रूप में स्थापित करने में कोरियोग्राफर और निर्देशक बहन फराह खान का खासा योगदान रहा है। बॉलीवुड में भाई-बहनों की ऐसी कई जोड़ियां हैं जहां बहनों ने भाईयों का या फिर भाईयों ने बहनों का करियर संवारा है। फिर भले ही इनके करियर में कितने ही उतार-चढ़ाव आते रहें लेकिन अपने भाई-बहन की मदद करनी है, तो करनी है।

एकता-तुषार कपूर अमीषा-अस्मित पटेल फरहान-जोया अख्तर फरहा-साजिद खान

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